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Showing posts from October, 2018

#MeToo मुहिम के पीड़ितों के देर से सामने आने के कारण

सन 1999-00 के करीब संजय दत्त की फ़िल्म 'खूबसूरत' आयी थी। 'वास्तव' पता नहीं पहले आ चुकी थी या बाद में लेकिन वह संजय की दूसरी/तीसरी पारी की शुरुआती फिल्मों में से एक थी। कमबैक स्टोरीज़ मुझे बचपन से ही पसंद हैं तो मैंने वह फ़िल्म भी देखी और उर्मिला मातोंडकर का पहला 'डीग्लैम' अवतार भी उसी फ़िल्म में सामने आया। फ़िल्म में संजय शायद एक ब्लफमास्टर बने हैं जहां तक मुझे याद है और परिस्थितिवश उर्मिला के घर मे प्रवेश कर जाते हैं। उर्मिला के दादाजी का रोल वरिष्ठ कलाकार अंजन श्रीवास्तव जी ने निभाया था और जब उन्हें पता चलता है कि संजय अमेरिका से आये हैं (सफेद झूठ) तो रंगीनमिजाज अंजन उन्हें अपने पास बुलाकर पूछते हैं- "बेटा, अमेरिका के बारे में कुछ बताओ। सुना है कि वहां सोसाइटी बहुत ओपन है, औरतें-लड़कियां कम/छोटे कपडें काफी पहनती हैं और 'फ्री सेक्स' जैसा भी मैंने सुन रखा है।" आप सोच रहे होंगे कि 90 की फिल्मों में यह सब होना 'आम' था, कोई नई बात नहीं। मैं भी इत्तेफ़ाक़ रखता हूँ। संजय, दादाजी की बात हंसकर टाल जाते हैं लेकिन समझ जाते हैं कि वे काफी 'रंगीनमि

कॉलेज रोमांस: टाइमलाइनर की 'खालिस' नार्थ-इंडियन 'यूथ ओरिएंटेड' वेबसीरिज़

अमूमन वेब सीरीज का मतलब नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो वगैरह वगैरह से आप लगा सकते हैं लेकिन फिलवक्त अपने हिंदुस्तानी भी स्यापा कर रहे इस फील्ड में। ये एक गाना है टाइमलाइनर्स की वेब सीरीज 'कॉलेज रोमांस' का। पिछले एक दो महीने में अगर कुछेक चीजों ने मेरा मन बहुत ज़्यादा हल्का किया है तो ये उसमें नंबर 1 है। बेलगाम डायलॉग्स, बढ़िया प्लाट, जमकर गालियां और फसाद और एक से बढ़कर एक एक्टर्स (और उनके कैरेक्टर्स)। बग्गा एक करैक्टर है जो इस समय यूट्यूब और इस सीरीज की बदौलत पूरे हिंदी पट्टी का सबसे कूल और धाकड़ लौंडा बन गया है और सबसे खास बात ये कि वो मेन लीड में भी नहीं है। एंट्री भी एपिसोड 3 में होती है। सीरीज के पहले एपिसोड तक डायरेक्टर ने मर्यादा रखी थी, फिर लोगों के प्यार ने उसे एहसास दिलाया कि इंटरनेट पर सेंसरशिप नहीं होती और उसके बाद तो बँदा अपने एक्टर्स को लेकर फुलटू उड़ पड़ा। कॉलेज रोमांस है सीरीज का नाम और टोटल 5 एपिसोड्स हैं फर्स्ट सीजन में। अभी से सीजन 2 की जबरदस्त माँग शुरू हो गयी है और यह उत्साह केवल एक बात की तरफ इशारा करता है कि अच्छा कंटेंट हिंदुस्तान में भी खूब पक रहा है।

राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार: गुना-गणित और ड्रामा

राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार देने की घोषणा हो चुकी है। महिला भारोत्तोलक और वर्तमान विश्व चैंपियन मीराबाई चानू और भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली को इस सर्वोच्च खेल सम्मान के लिए चुना गया है। आपको बता दें कि यह खेल पुरस्कार एक खिलाड़ी द्वारा जीते गए ओलिंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स पदकों पर अर्जित किये गए पॉइंट्स पर दिया जाता है। चूंकि क्रिकेट ओलिंपिक स्पोर्ट्स नहीं है तो 11 सदस्यीय चयन बोर्ड हाथ उठाकर वोट करता है किसी खिलाड़ी के नाम पर। विराट कोहली को 11 में से 7 मिले। चानू को 6 और किदाम्बी को 5। इसलिए किदांबी श्रीकांत दौड़ से बाहर हो गए। अब इनके पॉइंट्स की बात करते हैं तो विराट को 0, चानू को 44 और श्रीकांत को भी इतने ही वोट्स मिले। बाकी एथलीट्स की बात करें तो बजरंग पुनिया को 80, विनेश फोगाट को 80, पैराएथलिट दीपा मालिक को 78.5 और तीरंदाज अभिषेक शर्मा को 55 अंक मिलें। बजरंग पुनिया कल खेल मंत्री से मिले हैं और असंतुष्ट होकर वापिस लौटे हैं। आजकल में वह सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। एक और पुरस्कार न्यायालय के विचाराधीन और इस सर्वोच्च खेल सम्मान की गरिमा खतरे में। आप भी

क्रिकेट ट्रेजिक्स और हार्टब्रेक्स: एक नायाब फ़साना

टाई मैचेज काफी कम हैं क्रिकेट इतिहास में। कल वाले मैच का रिजल्ट काफी सही कहा जा सकता है अगर हम अफ़ग़ानों का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में और कल विशेषतः देखें। लेकिन अफ़ग़ान, पाकिस्तान के जैसे एक 'इरेटिक' टीम हैं। वे गलतियाँ काफी करते हैं और आपको काफी मौका देते हैं। भारत कभी भी 'गड़बड़' क्रिकेट खेलने में यकीन नहीं करता और उनके खेलने का एक व्यवस्थित तरीका है। इस पूरे टूर्नामेंट में 250 का स्कोर काफी सुरक्षित रहा है और यह जानते हुए भी कि केवल एक विकेट गेम पलट सकता है, रायुडू और राहुल अपने विकेट फेंक दिए। अफ़ग़ानों के तीन स्पिनर्स हैं: राशिद, मुजीब और नबी अपने कोटे के 30 ओवरों में आपको 135 रन्स से ज्यादा नहीं देंगे। फिर उनके स्किलसेट भी ऐसे हैं कि नए बल्लेबाज़ मिडिल ओवर्स में आकर उन्हें मार नहीं सकते। मारना क्या है, विकेट ही बचाना है। राहुल आज टीम में जगह नहीं ढूंढ पा रहे, उसका एक कारण उनका टेम्परामेंट है। टैलेंट आपके पास दुनिया भर का हो लेकिन अगर आप विकेट पर रुकना ही नहीं चाहेंगे तो शतक और दोहरा शतक कैसे लगा पाएंगे? फिर अंपायरिंग का एक ही मैच में इतना खराब होना 90 के दशक की याद दिला

It's Shastri vs Ganguly......Again!!!

If you have noticed the media reports recently regarding India's overseas tours and Shastri and Co. 'insensible' remarks about their performances, you could have seen Sourav Ganguly confronting them every time. The way things are being handled by Shastri and Co., it seems they are undermining the power of our legends. Tendulkar has always been a gentleman and kept mum even in the strangest of situations. Can't expect anything of note from Dravid and Laxman, so it has to be Sourav to become the voice of opposition. He could even become unpopular in the process but true fans of the game would know who is being right. CoA in a way hasn't helped Indian Cricket and BCCI don't even care what's going on 'in-the-field'. After such a meltdown (like England), they would either call upon New Zealand or Windies to come and rescue India's domestic calendar. If they are the best travelling team in the world, they must know what they have done in those travels

राजपूतों की अनेकानेक असफलताओं के कारण

सिंध नरेश 'दाहिर' की पुत्रियों, सूर्या और परमाल देवी, के अरब के खलीफा के सामने आत्मोत्सर्ग की कहानी आपमें से बहुत कम ने सुनी होगी। यह 'चचनामा' से उद्धृत है जो 715 ईशवी के सिंध का प्रामाणिक इतिहास प्रस्तुत करती है। इस कहानी को मैंने अपने आरएसएस के अनुषांगिक संस्थान विद्याभारती द्वारा संचालित विद्यालय की इतिहास की पुस्तक में पढ़ा था। उसी पुस्तक में मैंने चार बांस, चौबीस ग़ज़ वाली चंदबरदाई की कवितापाठ और तदोपरांत पृथ्वीराज द्वारा मुहम्मद गोरी की शब्दभेदी बाण से की गई हत्या वाली कथा भी पढ़ी थी जोकि कालांतर में झूठी साबित हुई या कम से कम 'विवादास्पद' तो बिल्कुल ही। खैर, विद्याभारती की पुस्तकें हिन्दू गौरव की बातें करती थीं और उन्हें पढकर उस छोटी से उम्र में भी जोश आ जाता था। अगर इस कहानी का सही आधार 'चचनामा' है तो मैं इसके लिए खुश हूं। दूसरी बात एक हमारे दोस्त ने यह उठाई कि राजपूत इतने वीर होते हुए भी क्यों हमेशा हारते रहे? पहले तो इसलिए हारते रहे कि भीतरघात बहुत ज्यादा होती थी और शासकों के बीच ही होती थी। ऐसा अपने राजस्थान के इतिहास के विशद अध्ययन के आधार पर कह

भारतीय क्रिकेट में टीम चयन के दोहरे पैमाने

भारतीय क्रिकेट टीम 1986 में इंग्लैंड के दौरे पर थी। मनोज प्रभाकर वैकल्पिक तेज गेंदबाज के रूप में टीम के साथ मौजूद थे। चेतन शर्मा को पहले टेस्ट मैच में चोट लगी और वे दौरे से बाहर हो गए। भारतीय कप्तान कपिल देव ने प्रभाकर की जगह इंग्लैंड में 'लीग' (क्लब प्रतियोगिता) क्रिकेट खेल रहे 'मदनलाल' को स्क्वाड और बाद में फाइनल 11 में जगह दे दी। मनोज प्रभाकर देश के लिए एक बेहतरीन क्रिकेटर रहे हैं और 'कथित' अनुशासनहीनता और बीसीसीआई की लीक पर ना चलने की वजह से उनकी उपलब्धियों को भुला दिया गया है। 8 टेस्ट अर्धशतक जिनमें से 7 बतौर टेस्ट ओपनर और ओवरसीज लोकेशन्स पर, साथ ही अनगिनत विकेट्स ओपनिंग बॉलर के रूप में और दिन भर केवल अपना सर्वश्रेष्ठ देने की चाहत। कपिल के खिलाफ जाने का साहस आजतक प्रभाकर के बाद केवल सौरभ गांगुली ही कर पाए जब उन्हें भी 'कथित' अनुशासनहीनता के आरोपों के कारण 1991-92 के ऑस्ट्रेलिया दौरे से वापिस घर भेज दिया गया था। 2011-12: भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा। भारत पहले 2-0 से और फिर 3-0 से पीछे हुआ। स्क्वाड में अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे नौ

Not Khabib,Not Connor but UFC and Dana White Screwed UFC 229

The biggest day in UFC history quickly turned into the darkest, as Khabib Nurmagomedov’s decision to leap out of the Octagon after his win over Conor McGregor triggered absolute mayhem. An out of control Nurmagomedov attacked McGregor’s team, while the Irishman, who remained inside the cage, was targeted by a number of the Russian champion’s entourage. You would know this was HUGE because media the world over covered this craziest, most chaotic fight finish in recent history of combat sports. And only UFC administration was to blame here. Connor McGregor, although an Irishman, is US favorite simply because he toes the US line. Also, a large percentage of US population owe their identities to Irish lineage. Khabib meanwhile is a Russian and top of it, a muslim. So UFC hopped the 'hype train' and built this fight, Connor's first in 23 months, as US vs Russia fight, Western vs Eastern World fight and Christians vs Muslims fight. Let me tell you that I have always loved th