नोआह चोम्स्की के बारे में आपने जरूर पढ़ा-सुना होगा। नहीं पढ़ा सुना तो यह आप अभ्यर्थियों के लिए एक 'अपराध' है। परिचय इनका बस इतना है कि यह शायद दुनिया के सबसे प्रसिद्ध 'भाषाविज्ञानी' और एक 'दार्शनिक' हैं। इसके अलावा ये क्या-क्या हैं और कितने देशों की कितने सरकारों ने और कितने विश्वविद्यालयों ने कितनी डिग्रियां और सम्मान इन्हें दिए हैं, इनकी गणना करना श्रमसाध्य है। 'बिहेवियर साइकोलॉजी' जैसी मनोविज्ञान की विधा को इन्होंने अपने बल पर भूतकाल की बात बना दिया और अमेरिका में एक 'नए लेफ्ट' के अगुआ बने। सीआईए ने वर्षों तक इनके ऊपर निगरानी रखी और जब उसे लगा कि ये फ़ेडरल नियमो के विरुद्ध है तब जाकर उसने निगरानी बंद की। मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आप भाषाविज्ञान के प्रोफेसर हैं और सादे कपड़ों में पुलिस इनकी रक्षा करती है यद्यपि इन्हें अमेरिका कभी पसंद नहीं रहा। मैंने चोम्स्की को पढ़ा है। पढ़ा भी सोशल साइंस और अर्थशास्त्र के संदर्भ में। एक भाषाविज्ञानी इन पर कैसे टिप्पणी कर सकता है, आप सोचते होंगे लेकिन ये एक पोलिटिकल एक्टिविस्ट वर्ष 1960 से ही रहे...