कुछ लोग सुधारे ही नहीं जा सकते मतलब। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने वार्नर, स्मिथ और Bancroft को घर भेज दिया जबकि कोच लेहमैन, बॉलर तिकड़ी नाथन लॉयन, स्टार्क और हैजलवुड पाक साफ करार दिए गए। पूरे दिन विश्व मीडिया झख मारती रह गयी इस अनुमान के आस पास कि लेहमैन के दिन (या घंटे) गिनती के रह गए हैं और यह परिणाम निकला।
मैं अब ज्यादा दुःखी हूँ क्योंकि Bancroft और स्मिथ के अंदर इतनी तो हिम्मत थी कि सबके सामने आकर अपनी गलती कुबूली और गर्दन कटवा दी। नाम तक नहीं लिया उन सबका जो इन सबमें उनके साथ थे। अब कौन बड़ा गैरत वाला निकला? क्या जो बच गए, वो चैन से रह पाएंगे? कोई ना कोई फूटेगा और फिर इन सबको ले बीतेगा।
यह ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रशासकों के पास एक बेहतरीन मौका था कि वो अपनी क्रिकेट को साफ सुथरा कर सकें। लेहमैन जैसा व्यक्ति जो ज़िन्दगी भर लोगों के लिए अपने मन में नफरत भरता रहा, अभी भी कोच पद पर बैठा है और अब बड़ी शान से। कम से कम इन प्रशासको को उन सभी आरोपी खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर देना चाहिए था कुछ समय तक और अच्छे से जांच पड़ताल करके अंतिम निर्णय लेना चाहिए था। ये कौन सा उदाहरण प्रस्तुत किये हैं अपने देश के सामने, भगवान ही जाने। सच कहूँ तो इन सबने स्मिथ से ज्यादे भद्द पिटवा दी ऑस्ट्रेलिया की पूरी क्रिकेट बिरादरी के सामने।
बेहद निराशाजनक!!!
मैं अब ज्यादा दुःखी हूँ क्योंकि Bancroft और स्मिथ के अंदर इतनी तो हिम्मत थी कि सबके सामने आकर अपनी गलती कुबूली और गर्दन कटवा दी। नाम तक नहीं लिया उन सबका जो इन सबमें उनके साथ थे। अब कौन बड़ा गैरत वाला निकला? क्या जो बच गए, वो चैन से रह पाएंगे? कोई ना कोई फूटेगा और फिर इन सबको ले बीतेगा।
यह ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रशासकों के पास एक बेहतरीन मौका था कि वो अपनी क्रिकेट को साफ सुथरा कर सकें। लेहमैन जैसा व्यक्ति जो ज़िन्दगी भर लोगों के लिए अपने मन में नफरत भरता रहा, अभी भी कोच पद पर बैठा है और अब बड़ी शान से। कम से कम इन प्रशासको को उन सभी आरोपी खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर देना चाहिए था कुछ समय तक और अच्छे से जांच पड़ताल करके अंतिम निर्णय लेना चाहिए था। ये कौन सा उदाहरण प्रस्तुत किये हैं अपने देश के सामने, भगवान ही जाने। सच कहूँ तो इन सबने स्मिथ से ज्यादे भद्द पिटवा दी ऑस्ट्रेलिया की पूरी क्रिकेट बिरादरी के सामने।
बेहद निराशाजनक!!!
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