जब एक प्रतिभाशाली या अनुभवी गेंदबाज एक सीमित ओवर्स के मैच के आखिरी ओवर्स में ऑफ स्टंप के ऊपर फुलर लेंथ या यॉर्कर लेंथ की गेंद फेंकता है तो आज का युवा बल्लेबाज़ उसे रैंप करता है और विकेटकीपर के या तो सिर के ऊपर से या दाहिने / बाएं साइड से निकाल कर रन बटोरता है खासतौर पर तब जब फाइन लेग और थर्ड मैन का फील्डर 30 गज के दायरे में खड़ा किया गया हो। मैंने अज़हरुद्दीन को '99 WC में क्लूजनर को यॉर्कर के ऊपर डीप में स्क्वायर लेग के ऊपर चौका मारते देखा था। उस समय अज़हर विश्व क्रिकेट में शायद योर्कर्स सबसे अच्छा खेलते थे। अब अज़हर हैदराबादी जादूगर थे जिनकी कलाइयां गेंद की दिशा मोड़ने में माहिर थीं। अब हम धोनी से जो कि एक बेहद मजबूत बॉटम हैंडेड प्लेयर हैं, वैसे शॉट्स लगाने की उम्मीद नहीं कर सकते। खासतौर पर तब जब आपकी पहली प्राथमिकता गेंद को लांग ऑन और लांग ऑफ पर खेलने की हो या उनके बीच के V में। बॉल अगर धीमे पड़ गयी तो वो हवा में जाएगी और आप काफी आसानी से कैच कर लिए जाएंगे।
तो हमारे पास इस स्क्वाड कुछ बल्लेबाज़ हैं जो कि ऐसे रैंप शॉट्स खेल सकते हैं। मसलन दिनेश कार्तिक जो कि भारतीय टीम से अक्सर बाहर रहने के बावजूद भी कुछ ऐसे ही नायाब तरीकों से रन जुटाने की काबिलियत के कारण हमेशा आईपीएल नीलामी में करोड़ों रुपये की बोली जीतते हैं। केदार जाधव और मनीष पांडे भी। अय्यर एक अद्भुत टैलेंट हैं। ये सब फिट हैं और नंबर 4/5 पर आकर पारी को तीव्रता दे सकते हैं। धोनी से अब आप केवल एक छोर पर खड़े रहने की उम्मीद कर सकते हैं और मुझे इससे भी शिकायत नहीं हैं क्योंकि जब एक छोर पर विकेट गिर रहे होते हैं तो आपको मैदान पर एक अनुभवी खिलाड़ी की जरूरत होती ही है और 35 साल की उम्र होते हुए भी वो यह काम बखूबी से करते हैं। हाल फिलहाल 3 मैच उन्होंने हमें ऐसे ही जिताये हैं। एक बेहद कुशल विकेटकीपर और शातिर खिलाड़ी वो हैं ही।
हमें अगले विश्व कप से पहले काफी कम ही ODI क्रिकेट खेलनी है और आप नेट प्रैक्टिस से अपना मिडिल आर्डर तैयार नहीं कर सकते। आप पांड्या को बनाये रखें, रहाणे को स्टैंड बाई के रूप में रखें और बाकी को खुली आज़ादी दें कुछ अलग करने की। हाँ, सबको बराबर का मौका जरूर दें ताकि ना ही हम समर्थकों को और ना ही उन खिलाड़ियों को ऐसा लगे कि वो ठगे गए हैं। कल मध्य क्रम की कलई खुल ही गयी और यह जरूरी नहीं कि हमेशा कोहली, धवन और रोहित शर्मा ही परफॉर्म करके आपको मैच जिताएं।
तो हमारे पास इस स्क्वाड कुछ बल्लेबाज़ हैं जो कि ऐसे रैंप शॉट्स खेल सकते हैं। मसलन दिनेश कार्तिक जो कि भारतीय टीम से अक्सर बाहर रहने के बावजूद भी कुछ ऐसे ही नायाब तरीकों से रन जुटाने की काबिलियत के कारण हमेशा आईपीएल नीलामी में करोड़ों रुपये की बोली जीतते हैं। केदार जाधव और मनीष पांडे भी। अय्यर एक अद्भुत टैलेंट हैं। ये सब फिट हैं और नंबर 4/5 पर आकर पारी को तीव्रता दे सकते हैं। धोनी से अब आप केवल एक छोर पर खड़े रहने की उम्मीद कर सकते हैं और मुझे इससे भी शिकायत नहीं हैं क्योंकि जब एक छोर पर विकेट गिर रहे होते हैं तो आपको मैदान पर एक अनुभवी खिलाड़ी की जरूरत होती ही है और 35 साल की उम्र होते हुए भी वो यह काम बखूबी से करते हैं। हाल फिलहाल 3 मैच उन्होंने हमें ऐसे ही जिताये हैं। एक बेहद कुशल विकेटकीपर और शातिर खिलाड़ी वो हैं ही।
हमें अगले विश्व कप से पहले काफी कम ही ODI क्रिकेट खेलनी है और आप नेट प्रैक्टिस से अपना मिडिल आर्डर तैयार नहीं कर सकते। आप पांड्या को बनाये रखें, रहाणे को स्टैंड बाई के रूप में रखें और बाकी को खुली आज़ादी दें कुछ अलग करने की। हाँ, सबको बराबर का मौका जरूर दें ताकि ना ही हम समर्थकों को और ना ही उन खिलाड़ियों को ऐसा लगे कि वो ठगे गए हैं। कल मध्य क्रम की कलई खुल ही गयी और यह जरूरी नहीं कि हमेशा कोहली, धवन और रोहित शर्मा ही परफॉर्म करके आपको मैच जिताएं।
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