कल हमारे मित्र और पुराने सहयोगी मनीष तिवारी जी ने अपने इस ग्रुप के वरिष्ठ जनों की सलाह पर विकास दिव्यकिर्ति और निशांत जैन द्वारा लिखित निबंध आधारित पुस्तक 'निबंध दृष्टि' अमेज़न पोर्टल से मंगाई। यह जानते हुए भी कि मैं अपने निबंध अंग्रेज़ी में लिखूंगा, उन्होंने वह किताब मुझे पढ़ने के लिए दी। इसमें कोई दोराय नहीं है कि हिंदी पट्टी के प्रदेशों की प्रशासनिक परीक्षाओं के लिए डिफ़ॉल्ट भाषा हिंदी ही होती है जबकि आईएएस के लिए वह शुरू से ही अंग्रेज़ी रही है। यहाँ मैं एक बात निर्भीकता से स्पष्ट करना चाहूंगा कि आप किसी भाषा से बिल्कुल ना डरें। विश्व की सारी प्रमुख भाषाओं में सबसे कठिन व्याकरण मेरी जानकारी में फ्रेंच का माना जाता है और अगर लोग यूट्यूब वीडिओज़ से उसे सीख सकते हैं तो इंग्लिश तो बेहद आसान भाषा है। फिर हर नई बात में अभ्यस्त होने के लिए लगन की जरूरत होती ही है। लोग पूछते हैं अंग्रेज़ी कैसे आएगी? अरे पूरे विश्व की भाषा है वो, ऐसे रात बिरात रट्टा मारने से या 2 महीने उपन्यास/टाइम्स ऑफ इंडिया पढ़ने से थोड़े ही आएगी। अंग्रेज़ी का समावेशी स्वभाव ही उसे विशिष्ट बनाता है जैसे हिंदी में आप बीसियों भाषाओं के शब्द पाते हैं और रोज़ धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं। सैकड़ों यूट्यूब चैनल्स हैं जो अंग्रेज़ी सिखाते हैं। आपको कवि/लेखक नहीं बनना है लेकिन 2018 में भी आप अभी यही हठधर्मिता पालेंगे की हमें सब कुछ मातृभाषा में चाहिए तो यह भारत के लिए कम से कम अच्छा नहीं होगा क्योंकि हम इस समय अंग्रेज़ी बोलने वाले जनसंख्या की दॄष्टि से सबसे बड़े देश हैं और हमारी मान-प्रतिष्ठा बढ़ाने में इस भाषा की हमारी प्रवीणता ने बहुत योगदान दिया है। अपने पसंद का एक चैनल चुनिए और शुरू से सुनिए उसे। आपको अंग्रेज़ी की वर्किंग नॉलेज तो 3 महीने में मिल ही जाएगी।
अब बात किताब की तो जैसे पॉलिटी के लिए लक्ष्मीकांत सर हैं, इतिहास के लिए विपिन चंद्रा और भूगोल के लिए खुल्लर/सविंदर सिंह/माज़िद हुसैन सर, उसी तरह निबंध के लिए यह निस्संदेह सर्वश्रेष्ठ है। निबंधों के संकलन की बात नहीं करते हैं क्योंकि कई सारी पुस्तकों में वो मिलेंगे और सबकी लेखन शैली आपको मोहित करेगी लेकिन निबंध होता क्या है, कैसे लिखा जाना चाहिए, उसके प्रकार और उसकी संकल्पना, इसकी विवेचना जैसे इन लेखकद्वय ने की है, वो बेहद प्रभावशाली और सुग्राहय है। निबंध के ऊपर कुछ लोगों के सौजन्य से मुझे कई किताबे पढ़ने को मिली, लेकिन इस किताब ने शुरुआती 10 पेजेज में ही एक अमिट छाप छोड़ी। मैं आपको कोई विषय सूची या फ़ोटो नहीं भेजूँगा। आप इसे खुद जाकर चेक करें। जिसको अंग्रेज़ी के लिए लेनी है, वो स्पेक्ट्रम पब्लिकेशन की किताब ले सकते हैं।
विकास दिव्यकिर्ति सर ने यह स्पष्ट किया है कि आईएएस की परीक्षा में निबंध का ही पेपर ऐसा है जहां आप प्रभावशाली तरीके से अपने और एक अंग्रेजी माध्यम के कुशल अभ्यर्थी के अंतर को कम कर सकते हैं और मुझे पूरा विश्वास है यह पुस्तक आपके लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगी।
क्रमशः...
अब बात किताब की तो जैसे पॉलिटी के लिए लक्ष्मीकांत सर हैं, इतिहास के लिए विपिन चंद्रा और भूगोल के लिए खुल्लर/सविंदर सिंह/माज़िद हुसैन सर, उसी तरह निबंध के लिए यह निस्संदेह सर्वश्रेष्ठ है। निबंधों के संकलन की बात नहीं करते हैं क्योंकि कई सारी पुस्तकों में वो मिलेंगे और सबकी लेखन शैली आपको मोहित करेगी लेकिन निबंध होता क्या है, कैसे लिखा जाना चाहिए, उसके प्रकार और उसकी संकल्पना, इसकी विवेचना जैसे इन लेखकद्वय ने की है, वो बेहद प्रभावशाली और सुग्राहय है। निबंध के ऊपर कुछ लोगों के सौजन्य से मुझे कई किताबे पढ़ने को मिली, लेकिन इस किताब ने शुरुआती 10 पेजेज में ही एक अमिट छाप छोड़ी। मैं आपको कोई विषय सूची या फ़ोटो नहीं भेजूँगा। आप इसे खुद जाकर चेक करें। जिसको अंग्रेज़ी के लिए लेनी है, वो स्पेक्ट्रम पब्लिकेशन की किताब ले सकते हैं।
विकास दिव्यकिर्ति सर ने यह स्पष्ट किया है कि आईएएस की परीक्षा में निबंध का ही पेपर ऐसा है जहां आप प्रभावशाली तरीके से अपने और एक अंग्रेजी माध्यम के कुशल अभ्यर्थी के अंतर को कम कर सकते हैं और मुझे पूरा विश्वास है यह पुस्तक आपके लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगी।
क्रमशः...
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