सन 1999-00 के करीब संजय दत्त की फ़िल्म 'खूबसूरत' आयी थी। 'वास्तव' पता नहीं पहले आ चुकी थी या बाद में लेकिन वह संजय की दूसरी/तीसरी पारी की शुरुआती फिल्मों में से एक थी। कमबैक स्टोरीज़ मुझे बचपन से ही पसंद हैं तो मैंने वह फ़िल्म भी देखी और उर्मिला मातोंडकर का पहला 'डीग्लैम' अवतार भी उसी फ़िल्म में सामने आया। फ़िल्म में संजय शायद एक ब्लफमास्टर बने हैं जहां तक मुझे याद है और परिस्थितिवश उर्मिला के घर मे प्रवेश कर जाते हैं। उर्मिला के दादाजी का रोल वरिष्ठ कलाकार अंजन श्रीवास्तव जी ने निभाया था और जब उन्हें पता चलता है कि संजय अमेरिका से आये हैं (सफेद झूठ) तो रंगीनमिजाज अंजन उन्हें अपने पास बुलाकर पूछते हैं- "बेटा, अमेरिका के बारे में कुछ बताओ। सुना है कि वहां सोसाइटी बहुत ओपन है, औरतें-लड़कियां कम/छोटे कपडें काफी पहनती हैं और 'फ्री सेक्स' जैसा भी मैंने सुन रखा है।" आप सोच रहे होंगे कि 90 की फिल्मों में यह सब होना 'आम' था, कोई नई बात नहीं। मैं भी इत्तेफ़ाक़ रखता हूँ। संजय, दादाजी की बात हंसकर टाल जाते हैं लेकिन समझ जाते हैं कि वे काफी 'रंगीनमि...