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Showing posts from June, 2018

श्रीलंका vs विंडीज टेस्ट सीरीज: एक विश्लेषण

अमूमन आपको एक क्रिकेट सीरीज में 2 तेज गेंदबाज लगातार 145+ किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से गेंद फेंकते नहीं मिलेंगे। लेकिन ऐसा हुआ और उन दोनों ने दिखा दिया कि टेस्ट क्रिकेट कितना रोमांचक हो सकता है अगर गेंद और बल्ले के बीच एक संतुलन स्थापित हो। शेनॉन गैब्रिएल और लाहिरू कुमारा ने, अगर मुहावरे की शक्ल में बात करूं, तो अपनी गेंदबाज़ी से क्रिकेट टर्फ में आग लगा दी। सपोर्टिंग कास्ट भी देख लें। सुरंगा लकमल, कासुन रजिता, केमार रोच और जेसन होल्डर ने जान लगा दी। शेनॉन गैब्रिएल माइकल होल्डिंग और कॉर्टनी वॉल्श के बाद कैरिबियन में एक मैच में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। 13 विकेट, 18 में से जो गिरे और हर एक सही गेंद ऐसे पड़ रही थी कि या तो विकेट ले ले या तो एक दो हड्डियाँ। जैसन होल्डर ने कल खत्म हुए मैच में 60 रन देकर 9 विकेट लिए और उनकी बॉल्स मुश्किल से 130 किमी से ज्यादा की गति से जा रही थी। वेस्टइंडीज ये दोनों मैच नहीं जीत पाई। गैब्रिएल वाला मैच ड्रा हुआ, होल्डर वाला वे हार गए जबकि होल्डर ने दोनों पारियों को मिलाकर सबसे ज्यादा रन भी बनाये थे। ये दोनों अद्भुत उपलब्धियां अतः हमें यही बतात

16 चौके, चार छक्के और बीते 35 साल.....

मोहिंदर अमरनाथ, रॉजर बिन्नी, मदनलाल और बलविंदर सिंह संधू बनाम एंडी रॉबर्ट्स, मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग और जोएल गार्नर किस चौकड़ी के ऊपर दाँव खेलना चाहेंगे? बैटिंग की बात करनी है तो वो भी कर लेते हैं। गावस्कर, मोहिंदर, संदीप पाटिल, कपिल देव बनाम गॉर्डन ग्रीनिज, डेसमंड हैन्स, विव रिचर्ड्स, लॉयड, लैरी गोमेज अब? मैं निस्संदेह भारत को छोड़कर दूसरी टीम पर पैसे लगाऊंगा। ठीक 35 साल पहले सट्टे का भाव 66:1 था। अगर जिसने भारत के ऊपर उस दिन पैसे लगाए होंगे, 66 गुना ज्यादा अमीर हुआ होगा। भारत को भी पता नहीं था कि आगे आने वाले समय में वह वर्ल्ड कप जीत क्रिकेट परिदृश्य को कैसे बदल कर रख देगी। जब कपिल लार्ड रोबर्ट कार से ट्रॉफी स्वीकार कर रहे थे, उन्हें इस बात की बिल्कुल आशंका नहीं थी कि अगला विश्व कप इंग्लैंड में नहीं खेला जाएगा। पिछले 3 लगातार इंग्लैंड में हुए थे, तीनों फाइनल्स लॉर्ड्स में खेले गए थे और दो विंडीज़ ने बड़ी शान से जीते थे। पर्दे के पीछे एक बात हुई और मैदान पर एक और। बीबीसी, जोकि 83 वर्ल्ड कप का प्रसारणकर्ता था, कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से टनब्रिज ओवल में अपने

अर्जेंटीना-क्रोएशिया मुक़ाबले का नतीजा और अर्जेंटीनियन फुटबॉल का भविष्य

इस फुटबॉल विश्व कप में छोटी टीमों ने बड़ी टीमों के खिलाफ खेलने की एक सफल रणनीति बना ली है। आइसलैंड, पेरू, ऑस्ट्रेलिया, जापान, सेनेगल, ईरान व क्रोएशिया महान फुटबॉल देश नहीं हैं लेकिन वन-ऑन-वन मार्किंग, अपने खेमे में ज्यादे खिलाड़ियों को खड़ा रखना और जो भी मौका मिले, उसे भुनाने की पूरी कोशिश करना की कार्ययोजना ने उन्हें इस विश्व कप में अपना निशान छोड़ने लायक बनाया है। क्रोएशिया की टीम मुझे पिछले दो वर्ल्ड कप से याद है। उनसे विपक्षी पहले इसी बात से सशंकित रहते हैं कि उन सबकी हाइट 6 फ़ीट से ऊपर की है और वो फिजिकल गेम खेलने में यकीन रखते हैं। 2002 कि वर्ल्ड कप में, जब रोनाल्डो अपने खेल में शीर्ष पर थे, ने अथक परिश्रम कर 1-0 की अंतर से क्रोएशिया को हराया था। उनका डिफेंस शुरू से मजबूत रहा है। वो आपको टैकल करेंगे और गेंद निकलने नहीं देंगे। लेकिन अब उसी क्रोएशिया के पास इयान राकिटिक और लुका मोडरिक जैसे विश्वस्तरीय गोल स्कोरर्स भी हैं जो योरोप के सर्वश्रेष्ठ क्लब्स से खेलते हैं। कल अर्जेंटीना इतना बुरा भी नहीं खेली थी। 80 मिनट तक केवल एक ही गोल उनके खिलाफ हुआ था और वह भी उनके गोलकीपर की गलती से लेक

भारत का इंग्लैंड दौरा: रवि शास्त्री और विराट कोहली की तैयारियों का सच

एक आदमी कितना बड़ा बैल (नासमझ) हो सकता है, आप रवि शास्त्री और विराट कोहली के लेटेस्ट स्टेटमेंट से पता लगा सकते हैं। इन दोनों के अनुसार, हम इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेलने से पहले इतना वनडे और T-20 खेल चुके होंगे कि टेस्ट मैच में तो इंग्लैंड का भरता ही बना देंगे। और इसीलिए हमने 'लाल गेंद' वाले अभ्यास मैच नहीं खेलने का निर्णय लिया। अभी सचिन, सौरव और शेन वॉर्न का स्टेटमेंट आया था कि दो नई बॉल्स ने वनडे क्रिकेट का सत्यानाश करके रख दिया हुआ है। पहले 300 बन जाते थे तो कल्याण हो जाता था, अब 500 भी बन सकते हैं और सबसे बड़ी बात कि सामने वाली टीम भी (खासकर न्यूज़ीलैंड और भारत) इतना बनाकर मैच जीत सकती हैं। टेस्ट मैच में 90 ओवर में 270 बन जाएं तो बहुत बड़ी बात है, चाहे इंग्लैंड हो या इंडिया। लाल ड्यूक या कूकाबुरा गेंद की बात ही अलग होती है और अगर मैच के दिन बादल छाए रहे और जेम्स एंडरसन को अपनी लय मिल गयी तो सामने वाली टीम 100 रन भी बना ले, बड़ी बात होगी। यह सब बातें और शर्ते 'सफेद कूकाबुरा' बॉल पर लागू नहीं होती क्योंकि वह स्विंग ही नहीं करती। अब इस तैयारी पर ये कैसे मैच जीतेंगे? चेतेश

अरल सागर के सूखने की दास्ताँ

यह बात मेरे संज्ञान में तकरीबन दो हफ्ते पहले आयी थी। अरल सागर सूख गया। एक ऐसी वाटर बॉडी जोकि एक समय पर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इनलैंड वाटर बॉडी थी, आज दो भागों में विभक्त है। उत्तरी अरल सागर तो कज़ाख़स्तान सरकार ने बचा लिया लेकिन दक्षिणी अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। यह सब इस नई पीढ़ी के सामने हो गया और संभव है, बहुतों को पता भी नहीं चला। स्टालिन कहा करते थे कि मनुष्य प्रकृति को विजित कर सकता है। इसी संकल्प से उन्होंने अरल सागर बेसिन में चेकडैम, कॉटन फील्ड प्रोजेक्ट और बिजली उत्पादक यूनिट्स की स्थापना की। कॉटन की खेती में पानी खूब लगता है, सो बहुत पानी इसमें लगा लेकिन आप कहेंगे कि यह सागर है, नमकीन पानी तो सब खराब कर दिया होगा तो अब भूगोल देख लेते हैं इस क्षेत्र का। अरल सागर को दो नदियाँ अपने जल से भरती रही हैं। एक अमु दरया और दूसरा सिर दरया। आपने इन्हें खूब पढ़ा होगा। अमु दरया पामीर पहाड़ों से और सिर, तियानशान पहाड़ियों से उद्गम पाता है। इलाका सेंट्रल एशिया का है जहाँ आपको पता है कि भयंकर ठंडक पड़ती है, अतः ये पहाड़ बर्फ से ढके रहते हैं और गर्मीयों में इन नदियों को जलप्लावित किये रहते हैं

फेक जर्नलिज्म का यूफोरिया

आशा करता हूँ कि सुनील छेत्री का नाम आपने सुना होगा। नहीं सुना है या जानते नहीं हैं तो तत्काल गूगल करिये। वैसे मैं लिख रहा हूँ तो बताऊंगा ही कि वे भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान हैं और हमारी टीम के सर्वोच्च गोल स्कोरर भी। अभी मैंने एक ख्यातिप्राप्त स्पोर्ट्स-पेज को अपनी फेसबुक फीड में यह कहते पाया कि सुनील, क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के बाद दुनिया के वर्तमान में तीसरे सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले खिलाड़ी बन चुके हैं। कल चीनी ताइपे के विरूद्ध हमारा मैच था और सुनील ने एक हैटट्रिक स्कोर की थी। इसके अलावा सुनील स्कोर करते ही रहते हैं जब भी हमारी टीम इंटरनेशनल खेलती है। लेकिन मुझे इसकी सत्यता परखनी थी। सुनील की प्रतिभा पर शंका नहीं, ना ही जो नंबर्स मुझे दिखे उनपर लेकिन उनकी रैंक पर जरूर मुझे आपत्ति थी। रोनाल्डो ने अभी तक पुर्तगाल के लिए 81 गोल किये हैं। मेसी ने अर्जेंटीना के लिए 64 और सुनील ने भारत के लिए 59. ये अद्भुत नंबर्स हैं लेकिन रोनाल्डो की रैंक तीसरी, मेस्सी की 18वीं और सुनील की 20वीं है। सुनील अभी लिस्ट में स्पेन के महान खिलाड़ी डेविड विला के साथ खड़े हैं। दुनिया

My Problems with Film Critics' Darling of 2017-18 Film Season, 'Call Me by Your Name"

Watched 'Call me by your name' three days ago. I wasn't enthralled by what I saw except for last 40 minutes which started with Sufjan Stevens' song 'mystery of love'. Ever since I have listened to this song, I must say I have fallen in love with it. It was my primary reason to watch this film. Secondly, the reviews among which one told me that I might get to witness in it some of the most romantic and heart-touching moments of film history. I must say I was disappointed at this front. Except for the last few moments of film where Elio gets a call from Oliver and then sheds tears of detection all alone, I didn't feel involved in it. Like the Forbes' critic said, I found it an 'excruciatingly boring travelogue'. I agree with the vision Luca Guadagnino had for this film. First love was shown with all its glory in it but what was Elio doing with Marzia, his girlfriend first and then only friend? Also, I failed to understand why wasn't Elio inte

'नेशनल स्पेलिंग बी' प्रतियोगिता में भारतीयों का दबदबा और भारत सरकार की 'ब्रेन-ड्रेन' रोकने की नाकामी

एक ओर जहाँ बांग्लादेश वीमेन टीम ने भारतीय टीम तो एक ही प्रतियोगिता में दो बार हराकर मूड ऑफ कर दिया (बांग्लादेश हालाँकि दोनों ही मैचों में हमसे बीस था और अच्छा खेला), वहीं अभी मैंने नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में, जो हर साल अमेरिका में आयोजित होती है, चार भारतवंशियों को सेमीफाइनल राउंड में जगह बनाते देखा। यह रिपीट टेलीकास्ट था। मैंने पहले 2 राउंड्स देखे थे लेकिन इसका समापन इतना शानदार होगा भारतीय डायस्पोरा के लिए, विश्वास नहीं था। पिछले 6-7 वर्षों में तो भारतवंशियों ने बिल्कुल वर्चस्व स्थापित किया है इस बेहद प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में और उनके सामने कोई टिक ही नहीं पाता। चारों प्रतियोगी डलास (टेक्सास) राज्य से थे और जब कमेंटेटर ने इस बात की सूचना दी तो एक बार को दिल बैठ गया। इनकी प्रतिभा भारत की स्वाभाविक संपत्ति थी लेकिन उचित सुविधाओं और मौकों के अभाव में अब ये हमारे साथ नहीं हैं। अब ये अमेरिका की शान आगे आने वाले कई सालों तक बढ़ाएंगे और हम इन्हें टीवी पर देखकर बेहद आह्लादित और थोड़े दुखी होंगे। अभी यह भी पता चला कि करीब साढ़े 3 लाख ऍप्लिकेशन्स अमेरिका के नागरिकता विभाग को अमेरिकन नाग

कहानी स्कॉटिश क्रिकेट की......

99 का वर्ल्ड कप कई मायनों में यादगार था। क्रिकेट वैसे तो टीम स्पोर्ट है लेकिन इसमे एक खिलाड़ी का व्यक्तिगत प्रदर्शन कई बार टीम के प्रदर्शन को प्रभावित और परिभाषित करता है। 99 कि वर्ल्ड कप से आपको लांस क्लूजनर, नील जॉनसन (ज़िम्बाब्वे) और शेन वार्न याद होंगे लेकिन उसी विश्व कप में स्कॉटलैंड ने अपना डेब्यू किया था और उनकी उस उपलब्धि का जिम्मेदार केवल एक खिलाड़ी था: गेविन हैमिलटन। गेविन हैमिलटन एक शानदार आलराउंडर थे और उनकी योग्यता का प्रमाण उनका कुछ दिनों के लिए इंग्लैंड की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना था। विश्व के कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक जिन्होंने दो देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। अगर आपने स्कॉटलैंड,आयरलैंड और वेल्श का इतिहास पढ़ा होगा तो आपको पता होगा कि ये ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा रहे हैं और इंग्लैंड के पूर्व उपनिवेश भी। आयरलैंड का उत्तरी हिस्सा तो इंग्लैंड की वफादारी करता है लेकिन दक्षिणी पूरा आज़ाद है। स्कॉटलैंड अपनी आर्थिक क्रियाकलापों के सुचारू संचालन के लिए ना चाहते हुए भी इंग्लैंड से जुड़ा हुआ है। इनकी इंग्लैंड के साथ सदियों पुरानी दुश्मनी रही है और आज मैं फिर से कह

धड़क की दुविधायें

यार हमने सैराट नहीं देखी। बहुत बड़ी गलती हो गयी लेकिन अंग्रेज़ी सबटाइटल्स रिलीज के वक़्त मिले नहीं और फ़िल्म वॉचलिस्ट में कहीं बहुत पीछे छूट गयी। अब वह लवस्टोरी थी, इतना पता है। लड़की तो 16 साल की ही थी उसकी। ग़दर इतना मचाई फ़िल्म महाराष्ट्र में कि सिनेमाघरों को सुबह और शाम में एक-एक शो बढ़ाने पड़े थे। और भी कई सारे रिकार्ड्स इसने तोड़ डाले। अब कल धड़क का ट्रेलर आया। भाई, मुझे बहुत पसंद आया। अब ये अंग्रेज़ी पढ़ने वाले बॉलीवुड के बच्चों को हिंदी बोलने तो आती नहीं तो उनसे राजस्थानी कैसे बोलवा लोगे? बस एक्सेंट की समस्या आ गयी। बाकी जाह्नवी को टारगेट कर रहे कि फेसिअल एक्सप्रेशन नहीं हैं। अब हम आप एक्टिंग गुरु तो हैं नहीं और हमसे आपसे भी बहुत अच्छी शक्ल नहीं बन पाती। इस बीच बेचारा शाहिद का भाई नज़रंदाज़ हो गया। अरे उसको भी गरिया लो। करण जौहर को अम्बानी इतना ही गरियाओ लेकिन उसे रत्ती भर भी फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। इसीलिये मैंने सेफ खेलते हुए कल केवल 'आशुतोष राणा' के बारे में लिखा था। मुद्दे की बात यह है कि जो फ़ोटो नीचे लगी है, इसे देखकर हँस लो लेकिन यह भी जान लो कि एक फ़िल्म बड़ी मेहनत से बनती है और उस