99 का वर्ल्ड कप कई मायनों में यादगार था। क्रिकेट वैसे तो टीम स्पोर्ट है लेकिन इसमे एक खिलाड़ी का व्यक्तिगत प्रदर्शन कई बार टीम के प्रदर्शन को प्रभावित और परिभाषित करता है। 99 कि वर्ल्ड कप से आपको लांस क्लूजनर, नील जॉनसन (ज़िम्बाब्वे) और शेन वार्न याद होंगे लेकिन उसी विश्व कप में स्कॉटलैंड ने अपना डेब्यू किया था और उनकी उस उपलब्धि का जिम्मेदार केवल एक खिलाड़ी था: गेविन हैमिलटन। गेविन हैमिलटन एक शानदार आलराउंडर थे और उनकी योग्यता का प्रमाण उनका कुछ दिनों के लिए इंग्लैंड की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना था। विश्व के कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक जिन्होंने दो देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला।
अगर आपने स्कॉटलैंड,आयरलैंड और वेल्श का इतिहास पढ़ा होगा तो आपको पता होगा कि ये ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा रहे हैं और इंग्लैंड के पूर्व उपनिवेश भी। आयरलैंड का उत्तरी हिस्सा तो इंग्लैंड की वफादारी करता है लेकिन दक्षिणी पूरा आज़ाद है। स्कॉटलैंड अपनी आर्थिक क्रियाकलापों के सुचारू संचालन के लिए ना चाहते हुए भी इंग्लैंड से जुड़ा हुआ है। इनकी इंग्लैंड के साथ सदियों पुरानी दुश्मनी रही है और आज मैं फिर से कह रहा हूँ कि इन्होंने किसी भी तरीके से इंग्लैंड के बाकी उपनिवेशों से कम अत्याचार नहीं झेला। अतः इंग्लैंड को किसी भी तरीके से, किसी भी क्षेत्र में हराने से इन राष्ट्रों को विशेष संतुष्टि मिलती है और अगर कल आप स्कॉटलैंड के 'ग्रांज' में उनका इंग्लैंड को हराने के बाद का माहौल देखे होते तो आपको वस्तुस्थिति पता चल जाती। गुलाम का अपने मालिक को उसी के खेल में हराना शायद विश्व की सबसे बड़ी उपलब्धि कही जाएगी। शायद इसी कारण से आप सभी 'लगान' से इतना प्यार करते हैं।
राशिद खान से सबको डर लगने लगा है। विश्व की सबसे प्रतिस्पर्धी T-20 क्रिकेट लीग आईपीएल के 11वे संस्करण में क्रिस गेल और अंबाती रायुडू को छोड़कर कोई उन्हें ठीक से ना समझ पाया और ना खेल पाया। अभी बांग्लादेश ने देहरादून में उनके सामने घुटने टेक दिए। लेकिन मार्च में जब अफगानिस्तान का मुक़ाबला वर्ल्ड कप क्वालीफ़ायर में स्कॉटलैंड से हुआ तो कहानी कुछ पलट सी गयी। राशिद उस समय भी डरावने ही थे और आप स्कॉटलैंड जैसे देश से उन्हें समझने या ठीक तरीके से खेलने की उम्मीद भी नहीं करेंगे लेकिन एक खिलाड़ी सामने आया। नाम याद रख लें: कॉलम मैकलेओड। बंदे ने धुआंधार 157 रन कूटे और राशिद की अच्छी खासी धुनाई कर डाली। 10 ओवरों में 80 रन। कल उसी खिलाड़ी ने आदिल राशिद और मोईन अली को कूटा और इंग्लैंड की मिट्टी पलीत कर दी। 140 रन नॉट आउट। कॉलम मैकलेओड के पास 7 अंतरराष्ट्रीय शतक हैं और उनमें से 4, 140 रन से ज्यादे के हैं। वो फिलहाल इस लिस्ट में सचिन (12 स्कोर) और रोहित शर्मा (7) से ही पीछे हैं। उनके साथ 4 ऐसे स्कोर वाले विव रिचर्ड्स, लारा, पोटिंग और संगकारा ही हैं।
आज स्कॉटलैंड की बेंच स्ट्रेंथ ऐसी है कि उन्होंने अपने पूर्व कप्तान और बेहद अच्छे खिलाड़ी 'प्रेस्टन मोमसन' और अग्रणी मध्यम गति के बॉलर जोश लेवी को नहीं खेलाया। वो पिछले 8 सालों में इंग्लैंड से केवल 5 बार खेले हैं और हर दूसरे साल इस बेहद दुर्लभ मौके का इंतज़ार करते हैं।
उनके कोच न्यूज़ीलैंड के ग्रांट ब्राडबर्न हैं। वो टोयोटा के टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट थ्योरी 'काइजेन' में विश्वास करते हैं। मैं इस थ्योरी को जानता हूँ और पढ़ा हूँ। इस सिद्धांत ने ही आज जापान की ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बदलकर रख दिया है और दुनिया में अग्रणी बनाया है। इसका अर्थ होता है: सतत सुधार। आप एक उत्तम प्रोडक्ट बनाकर भी चैन से ना बैठें वरन उसमें और सुधार करने की सतत कोशिश करते रहें। परसों उन्होंने कहा था कि एक दिन भविष्य में स्कॉटलैंड इंग्लैंड को जरूर हराएगा और वह दिन रविवार क्यों नहीं हो सकता? ग्रांट न्यूज़ीलैंड के अगले कोच बन सकते हैं और एक तरीके से स्कॉटलैंड के खिलाड़ियों ने उन्हें गुरुदक्षिणा दे दी।
मैंने मार्च में कहा था कि केवल दुर्भाग्य ने स्कॉटलैंड और ज़िम्बाब्वे को आगामी विश्व कप में खेलने से रोक लिया। कल की स्कॉटलैंड की ऐतिहासिक विजय ने ICC को पुनः एक संकेत भेजा है कि एसोसिएट देशों और इसके पूर्णकालिक सदस्यों के खेल स्तर में अब कोई खास अंतर बिल्कुल नहीं रह गया है और ICC अगर सच मे क्रिकेट को वैश्विक खेल का दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है तो विश्व क्रिकेट के इतिहास में शायद इससे सुनहरा अवसर उसे कभी नहीं मिलेगा।
मैं पुनः इसी नोट पर और एक आशावादी दृष्टिकोण के साथ इस पोस्ट को समाप्त करता हूँ।
अगर आपने स्कॉटलैंड,आयरलैंड और वेल्श का इतिहास पढ़ा होगा तो आपको पता होगा कि ये ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा रहे हैं और इंग्लैंड के पूर्व उपनिवेश भी। आयरलैंड का उत्तरी हिस्सा तो इंग्लैंड की वफादारी करता है लेकिन दक्षिणी पूरा आज़ाद है। स्कॉटलैंड अपनी आर्थिक क्रियाकलापों के सुचारू संचालन के लिए ना चाहते हुए भी इंग्लैंड से जुड़ा हुआ है। इनकी इंग्लैंड के साथ सदियों पुरानी दुश्मनी रही है और आज मैं फिर से कह रहा हूँ कि इन्होंने किसी भी तरीके से इंग्लैंड के बाकी उपनिवेशों से कम अत्याचार नहीं झेला। अतः इंग्लैंड को किसी भी तरीके से, किसी भी क्षेत्र में हराने से इन राष्ट्रों को विशेष संतुष्टि मिलती है और अगर कल आप स्कॉटलैंड के 'ग्रांज' में उनका इंग्लैंड को हराने के बाद का माहौल देखे होते तो आपको वस्तुस्थिति पता चल जाती। गुलाम का अपने मालिक को उसी के खेल में हराना शायद विश्व की सबसे बड़ी उपलब्धि कही जाएगी। शायद इसी कारण से आप सभी 'लगान' से इतना प्यार करते हैं।
राशिद खान से सबको डर लगने लगा है। विश्व की सबसे प्रतिस्पर्धी T-20 क्रिकेट लीग आईपीएल के 11वे संस्करण में क्रिस गेल और अंबाती रायुडू को छोड़कर कोई उन्हें ठीक से ना समझ पाया और ना खेल पाया। अभी बांग्लादेश ने देहरादून में उनके सामने घुटने टेक दिए। लेकिन मार्च में जब अफगानिस्तान का मुक़ाबला वर्ल्ड कप क्वालीफ़ायर में स्कॉटलैंड से हुआ तो कहानी कुछ पलट सी गयी। राशिद उस समय भी डरावने ही थे और आप स्कॉटलैंड जैसे देश से उन्हें समझने या ठीक तरीके से खेलने की उम्मीद भी नहीं करेंगे लेकिन एक खिलाड़ी सामने आया। नाम याद रख लें: कॉलम मैकलेओड। बंदे ने धुआंधार 157 रन कूटे और राशिद की अच्छी खासी धुनाई कर डाली। 10 ओवरों में 80 रन। कल उसी खिलाड़ी ने आदिल राशिद और मोईन अली को कूटा और इंग्लैंड की मिट्टी पलीत कर दी। 140 रन नॉट आउट। कॉलम मैकलेओड के पास 7 अंतरराष्ट्रीय शतक हैं और उनमें से 4, 140 रन से ज्यादे के हैं। वो फिलहाल इस लिस्ट में सचिन (12 स्कोर) और रोहित शर्मा (7) से ही पीछे हैं। उनके साथ 4 ऐसे स्कोर वाले विव रिचर्ड्स, लारा, पोटिंग और संगकारा ही हैं।
आज स्कॉटलैंड की बेंच स्ट्रेंथ ऐसी है कि उन्होंने अपने पूर्व कप्तान और बेहद अच्छे खिलाड़ी 'प्रेस्टन मोमसन' और अग्रणी मध्यम गति के बॉलर जोश लेवी को नहीं खेलाया। वो पिछले 8 सालों में इंग्लैंड से केवल 5 बार खेले हैं और हर दूसरे साल इस बेहद दुर्लभ मौके का इंतज़ार करते हैं।
उनके कोच न्यूज़ीलैंड के ग्रांट ब्राडबर्न हैं। वो टोयोटा के टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट थ्योरी 'काइजेन' में विश्वास करते हैं। मैं इस थ्योरी को जानता हूँ और पढ़ा हूँ। इस सिद्धांत ने ही आज जापान की ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बदलकर रख दिया है और दुनिया में अग्रणी बनाया है। इसका अर्थ होता है: सतत सुधार। आप एक उत्तम प्रोडक्ट बनाकर भी चैन से ना बैठें वरन उसमें और सुधार करने की सतत कोशिश करते रहें। परसों उन्होंने कहा था कि एक दिन भविष्य में स्कॉटलैंड इंग्लैंड को जरूर हराएगा और वह दिन रविवार क्यों नहीं हो सकता? ग्रांट न्यूज़ीलैंड के अगले कोच बन सकते हैं और एक तरीके से स्कॉटलैंड के खिलाड़ियों ने उन्हें गुरुदक्षिणा दे दी।
मैंने मार्च में कहा था कि केवल दुर्भाग्य ने स्कॉटलैंड और ज़िम्बाब्वे को आगामी विश्व कप में खेलने से रोक लिया। कल की स्कॉटलैंड की ऐतिहासिक विजय ने ICC को पुनः एक संकेत भेजा है कि एसोसिएट देशों और इसके पूर्णकालिक सदस्यों के खेल स्तर में अब कोई खास अंतर बिल्कुल नहीं रह गया है और ICC अगर सच मे क्रिकेट को वैश्विक खेल का दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है तो विश्व क्रिकेट के इतिहास में शायद इससे सुनहरा अवसर उसे कभी नहीं मिलेगा।
मैं पुनः इसी नोट पर और एक आशावादी दृष्टिकोण के साथ इस पोस्ट को समाप्त करता हूँ।
Comments
Post a Comment