अमूमन आपको एक क्रिकेट सीरीज में 2 तेज गेंदबाज लगातार 145+ किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से गेंद फेंकते नहीं मिलेंगे। लेकिन ऐसा हुआ और उन दोनों ने दिखा दिया कि टेस्ट क्रिकेट कितना रोमांचक हो सकता है अगर गेंद और बल्ले के बीच एक संतुलन स्थापित हो। शेनॉन गैब्रिएल और लाहिरू कुमारा ने, अगर मुहावरे की शक्ल में बात करूं, तो अपनी गेंदबाज़ी से क्रिकेट टर्फ में आग लगा दी।
सपोर्टिंग कास्ट भी देख लें। सुरंगा लकमल, कासुन रजिता, केमार रोच और जेसन होल्डर ने जान लगा दी। शेनॉन गैब्रिएल माइकल होल्डिंग और कॉर्टनी वॉल्श के बाद कैरिबियन में एक मैच में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। 13 विकेट, 18 में से जो गिरे और हर एक सही गेंद ऐसे पड़ रही थी कि या तो विकेट ले ले या तो एक दो हड्डियाँ। जैसन होल्डर ने कल खत्म हुए मैच में 60 रन देकर 9 विकेट लिए और उनकी बॉल्स मुश्किल से 130 किमी से ज्यादा की गति से जा रही थी। वेस्टइंडीज ये दोनों मैच नहीं जीत पाई। गैब्रिएल वाला मैच ड्रा हुआ, होल्डर वाला वे हार गए जबकि होल्डर ने दोनों पारियों को मिलाकर सबसे ज्यादा रन भी बनाये थे। ये दोनों अद्भुत उपलब्धियां अतः हमें यही बताती हैं कि क्रिकेट एक टीम स्पोर्ट्स है और अगर 11 लोग मिलकर योगदान नहीं करेंगे तो आप 5 दिन वाले मैच नहीं जीत पाएंगे। श्रीलंका के हर गेंदबाज ने विकेट लिया जबकि विंडीज़ के केवल एक या मुश्किल से दो।
यह क्रिकेट सीरीज बेहतरीन थी और मुझे एहसास है कि बहुत लोग चाहकर भी इसे देख नहीं पाए होंगे। सब कुछ था इसमें और दोनों टीम्स, जोकि काफी नई और ऊर्जावान हैं, ने अपना सर्वश्व और सर्वश्रेष्ठ इसे दिया। विंडीज़ की टीम टेस्ट क्रिकेट में इतनी खराब नहीं है जितना लोग उसे समझते हैं और श्रीलंका वाले तो नए-नए कारनामे टेस्ट क्रिकेट में किये जा रहे हैं। पहले पाकिस्तान को UAE में हराने वाली पहली टीम बनना और फिर विपरीत परिस्थितियों में ब्रिजटाउन, बारबाडोस की अब तक की 'सबसे हरी पिच' पर चौथी पारी में एक टूटे-फूटे बल्लेबाज़ के साथ मैच जीतकर यहाँ जीतने वाली पहली उपमहाद्वीपीय टीम बनना उनकी क्षमता का प्रतीक है। यह और भी विशेष तब बन जाता है जब दिनेश चांदीमल के ऊपर दूसरे टेस्ट मैच के बाद बॉल टेंपरिंग का आरोप लगा और उन्हें तीसरे टेस्ट मैच के लिए बैन कर दिया गया। इतना सब कुछ होते हुए भी दोनों टीम्स ने एक दूसरे के साथ अभद्रता नहीं की, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया सीरीज में जमकर हुआ और श्रीलंकाई बोर्ड ने विंडीज़ बोर्ड की सीरीज आयोजन में आर्थिक मदद तक की। ऐसी मिसालें और क्रिकेट अब कम ही देखने को मिलती हैं।
अगर आप ध्यान से देखें तो क्रिकेट बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया है और अगर विंडीज़, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान और आयरलैंड जैसी टीम्स को टेस्ट क्रिकेट ज्यादा खेलने को मिले तो ये बड़ी टीम्स को ना केवल चुनौती दे सकते हैं बल्कि उन्हें हरा भी सकते हैं। दुर्भाग्य से अगले फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम में ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा और यह केवल एक दिल को खुश करने वाला एक ख्याल भर है।
इस बेहतरीन सीरीज के लिए दोनों टीम्स का शुक्रिया और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं!!!
सपोर्टिंग कास्ट भी देख लें। सुरंगा लकमल, कासुन रजिता, केमार रोच और जेसन होल्डर ने जान लगा दी। शेनॉन गैब्रिएल माइकल होल्डिंग और कॉर्टनी वॉल्श के बाद कैरिबियन में एक मैच में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। 13 विकेट, 18 में से जो गिरे और हर एक सही गेंद ऐसे पड़ रही थी कि या तो विकेट ले ले या तो एक दो हड्डियाँ। जैसन होल्डर ने कल खत्म हुए मैच में 60 रन देकर 9 विकेट लिए और उनकी बॉल्स मुश्किल से 130 किमी से ज्यादा की गति से जा रही थी। वेस्टइंडीज ये दोनों मैच नहीं जीत पाई। गैब्रिएल वाला मैच ड्रा हुआ, होल्डर वाला वे हार गए जबकि होल्डर ने दोनों पारियों को मिलाकर सबसे ज्यादा रन भी बनाये थे। ये दोनों अद्भुत उपलब्धियां अतः हमें यही बताती हैं कि क्रिकेट एक टीम स्पोर्ट्स है और अगर 11 लोग मिलकर योगदान नहीं करेंगे तो आप 5 दिन वाले मैच नहीं जीत पाएंगे। श्रीलंका के हर गेंदबाज ने विकेट लिया जबकि विंडीज़ के केवल एक या मुश्किल से दो।
यह क्रिकेट सीरीज बेहतरीन थी और मुझे एहसास है कि बहुत लोग चाहकर भी इसे देख नहीं पाए होंगे। सब कुछ था इसमें और दोनों टीम्स, जोकि काफी नई और ऊर्जावान हैं, ने अपना सर्वश्व और सर्वश्रेष्ठ इसे दिया। विंडीज़ की टीम टेस्ट क्रिकेट में इतनी खराब नहीं है जितना लोग उसे समझते हैं और श्रीलंका वाले तो नए-नए कारनामे टेस्ट क्रिकेट में किये जा रहे हैं। पहले पाकिस्तान को UAE में हराने वाली पहली टीम बनना और फिर विपरीत परिस्थितियों में ब्रिजटाउन, बारबाडोस की अब तक की 'सबसे हरी पिच' पर चौथी पारी में एक टूटे-फूटे बल्लेबाज़ के साथ मैच जीतकर यहाँ जीतने वाली पहली उपमहाद्वीपीय टीम बनना उनकी क्षमता का प्रतीक है। यह और भी विशेष तब बन जाता है जब दिनेश चांदीमल के ऊपर दूसरे टेस्ट मैच के बाद बॉल टेंपरिंग का आरोप लगा और उन्हें तीसरे टेस्ट मैच के लिए बैन कर दिया गया। इतना सब कुछ होते हुए भी दोनों टीम्स ने एक दूसरे के साथ अभद्रता नहीं की, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया सीरीज में जमकर हुआ और श्रीलंकाई बोर्ड ने विंडीज़ बोर्ड की सीरीज आयोजन में आर्थिक मदद तक की। ऐसी मिसालें और क्रिकेट अब कम ही देखने को मिलती हैं।
अगर आप ध्यान से देखें तो क्रिकेट बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया है और अगर विंडीज़, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान और आयरलैंड जैसी टीम्स को टेस्ट क्रिकेट ज्यादा खेलने को मिले तो ये बड़ी टीम्स को ना केवल चुनौती दे सकते हैं बल्कि उन्हें हरा भी सकते हैं। दुर्भाग्य से अगले फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम में ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा और यह केवल एक दिल को खुश करने वाला एक ख्याल भर है।
इस बेहतरीन सीरीज के लिए दोनों टीम्स का शुक्रिया और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं!!!
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