एक आदमी कितना बड़ा बैल (नासमझ) हो सकता है, आप रवि शास्त्री और विराट कोहली के लेटेस्ट स्टेटमेंट से पता लगा सकते हैं। इन दोनों के अनुसार, हम इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेलने से पहले इतना वनडे और T-20 खेल चुके होंगे कि टेस्ट मैच में तो इंग्लैंड का भरता ही बना देंगे। और इसीलिए हमने 'लाल गेंद' वाले अभ्यास मैच नहीं खेलने का निर्णय लिया।
अभी सचिन, सौरव और शेन वॉर्न का स्टेटमेंट आया था कि दो नई बॉल्स ने वनडे क्रिकेट का सत्यानाश करके रख दिया हुआ है। पहले 300 बन जाते थे तो कल्याण हो जाता था, अब 500 भी बन सकते हैं और सबसे बड़ी बात कि सामने वाली टीम भी (खासकर न्यूज़ीलैंड और भारत) इतना बनाकर मैच जीत सकती हैं। टेस्ट मैच में 90 ओवर में 270 बन जाएं तो बहुत बड़ी बात है, चाहे इंग्लैंड हो या इंडिया। लाल ड्यूक या कूकाबुरा गेंद की बात ही अलग होती है और अगर मैच के दिन बादल छाए रहे और जेम्स एंडरसन को अपनी लय मिल गयी तो सामने वाली टीम 100 रन भी बना ले, बड़ी बात होगी। यह सब बातें और शर्ते 'सफेद कूकाबुरा' बॉल पर लागू नहीं होती क्योंकि वह स्विंग ही नहीं करती। अब इस तैयारी पर ये कैसे मैच जीतेंगे?
चेतेश्वर पुजारा इंग्लैंड में घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं और डेल स्टेन ने उन्हें 4 दिन के अंदर दो बार बहुत सस्ते में बोल्ड किया। लेकिन उन्होंने, ध्यान दें, वहाँ वनडे क्रिकेट में 100 के ज्यादा स्ट्राइक रेट पर सेंचुरी लगा दी। जब पुजारा सफेद बॉल पर यह कर सकते हैं और लाल गेंद पर कुछ और और हम उन्हें अपनी टेस्ट टीम का सबसे प्रतिभशाली और धैर्यवान खिलाड़ी मानते हैं तो आप समझ सकते हैं कि अगली 5 टेस्ट मैचेस की सीरीज का परिणाम क्या हो सकता है।
कुल मिलाकर इन दोनों बैलों ने दक्षिण अफ्रीका के अपने दौरे से कुछ नहीं सीखा। दोनों ने बाद में कहा कि काश! अभ्यास मैच खेल लिए होते और अबकी बार जब मौका लगा तो उसमें वनडे और ट्वेंटी-ट्वेंटी ठूँस दिए। मुझे तो अब पूरा विश्वास हो गया है कि कोहली जो ये सरे के लिए इंग्लैंड में घरेलू क्रिकेट खेलने वाले थे और बाद में गर्दन की चोट का बहाना बनाकर यहीं बैठ गए और स्वच्छ भारत अभियान में वीडियो बनाकर मोदीजी का साथ देने लगे, सब इनकी नौटंकी थी। यह सब हम प्रशंसकों के साथ किया गया बहुत बड़ा धोखा है।
अभी सचिन, सौरव और शेन वॉर्न का स्टेटमेंट आया था कि दो नई बॉल्स ने वनडे क्रिकेट का सत्यानाश करके रख दिया हुआ है। पहले 300 बन जाते थे तो कल्याण हो जाता था, अब 500 भी बन सकते हैं और सबसे बड़ी बात कि सामने वाली टीम भी (खासकर न्यूज़ीलैंड और भारत) इतना बनाकर मैच जीत सकती हैं। टेस्ट मैच में 90 ओवर में 270 बन जाएं तो बहुत बड़ी बात है, चाहे इंग्लैंड हो या इंडिया। लाल ड्यूक या कूकाबुरा गेंद की बात ही अलग होती है और अगर मैच के दिन बादल छाए रहे और जेम्स एंडरसन को अपनी लय मिल गयी तो सामने वाली टीम 100 रन भी बना ले, बड़ी बात होगी। यह सब बातें और शर्ते 'सफेद कूकाबुरा' बॉल पर लागू नहीं होती क्योंकि वह स्विंग ही नहीं करती। अब इस तैयारी पर ये कैसे मैच जीतेंगे?
चेतेश्वर पुजारा इंग्लैंड में घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं और डेल स्टेन ने उन्हें 4 दिन के अंदर दो बार बहुत सस्ते में बोल्ड किया। लेकिन उन्होंने, ध्यान दें, वहाँ वनडे क्रिकेट में 100 के ज्यादा स्ट्राइक रेट पर सेंचुरी लगा दी। जब पुजारा सफेद बॉल पर यह कर सकते हैं और लाल गेंद पर कुछ और और हम उन्हें अपनी टेस्ट टीम का सबसे प्रतिभशाली और धैर्यवान खिलाड़ी मानते हैं तो आप समझ सकते हैं कि अगली 5 टेस्ट मैचेस की सीरीज का परिणाम क्या हो सकता है।
कुल मिलाकर इन दोनों बैलों ने दक्षिण अफ्रीका के अपने दौरे से कुछ नहीं सीखा। दोनों ने बाद में कहा कि काश! अभ्यास मैच खेल लिए होते और अबकी बार जब मौका लगा तो उसमें वनडे और ट्वेंटी-ट्वेंटी ठूँस दिए। मुझे तो अब पूरा विश्वास हो गया है कि कोहली जो ये सरे के लिए इंग्लैंड में घरेलू क्रिकेट खेलने वाले थे और बाद में गर्दन की चोट का बहाना बनाकर यहीं बैठ गए और स्वच्छ भारत अभियान में वीडियो बनाकर मोदीजी का साथ देने लगे, सब इनकी नौटंकी थी। यह सब हम प्रशंसकों के साथ किया गया बहुत बड़ा धोखा है।
Comments
Post a Comment