इस फुटबॉल विश्व कप में छोटी टीमों ने बड़ी टीमों के खिलाफ खेलने की एक सफल रणनीति बना ली है। आइसलैंड, पेरू, ऑस्ट्रेलिया, जापान, सेनेगल, ईरान व क्रोएशिया महान फुटबॉल देश नहीं हैं लेकिन वन-ऑन-वन मार्किंग, अपने खेमे में ज्यादे खिलाड़ियों को खड़ा रखना और जो भी मौका मिले, उसे भुनाने की पूरी कोशिश करना की कार्ययोजना ने उन्हें इस विश्व कप में अपना निशान छोड़ने लायक बनाया है।
क्रोएशिया की टीम मुझे पिछले दो वर्ल्ड कप से याद है। उनसे विपक्षी पहले इसी बात से सशंकित रहते हैं कि उन सबकी हाइट 6 फ़ीट से ऊपर की है और वो फिजिकल गेम खेलने में यकीन रखते हैं। 2002 कि वर्ल्ड कप में, जब रोनाल्डो अपने खेल में शीर्ष पर थे, ने अथक परिश्रम कर 1-0 की अंतर से क्रोएशिया को हराया था। उनका डिफेंस शुरू से मजबूत रहा है। वो आपको टैकल करेंगे और गेंद निकलने नहीं देंगे। लेकिन अब उसी क्रोएशिया के पास इयान राकिटिक और लुका मोडरिक जैसे विश्वस्तरीय गोल स्कोरर्स भी हैं जो योरोप के सर्वश्रेष्ठ क्लब्स से खेलते हैं। कल अर्जेंटीना इतना बुरा भी नहीं खेली थी। 80 मिनट तक केवल एक ही गोल उनके खिलाफ हुआ था और वह भी उनके गोलकीपर की गलती से लेकिन फिर दूसरा गोल हुआ और एक्स्ट्रा टाइम में तीसरा। आपने प्रतिस्पर्धा की लेकिन स्कोरलाइन 3-0 रही जोकि एक ऐसी टीम के लिए बेहद निराशाजनक है जिसके पास दुनिया का सबसे अच्छा हेड कोच, 2 सबसे अच्छे मिडफील्डर और लियोनेल मेसी हों।
कल के मैच के बाद अर्जेंटीना की निगाहें आज के नाइजीरिया और आइसलैंड के मैच पर टिकी होंगी। अगर आइसलैंड और नाइजीरिया में से कोई एक भी जीत गया तो अर्जेंटीना की स्थिति खराब हो जाएगी क्योंकि इनके पल्ले केवल एक ड्रा और एक हार ही आयी है। पूरी संभावना है कि मंगलवार के अपने आखिरी मैच खेलने से पहले ही वे ग्रुप स्टेज से बाहर हो जाएं।
साथ ही आप एंजेल डी मारिया, गोंजालो हिगुएन, सर्गियो अगुआरो, लियोनेल मेसी के रिटायरमेंट्स और जॉर्ज संपोली (हेड कोच) का इस्तीफा भी देखेंगे.....
क्रोएशिया की टीम मुझे पिछले दो वर्ल्ड कप से याद है। उनसे विपक्षी पहले इसी बात से सशंकित रहते हैं कि उन सबकी हाइट 6 फ़ीट से ऊपर की है और वो फिजिकल गेम खेलने में यकीन रखते हैं। 2002 कि वर्ल्ड कप में, जब रोनाल्डो अपने खेल में शीर्ष पर थे, ने अथक परिश्रम कर 1-0 की अंतर से क्रोएशिया को हराया था। उनका डिफेंस शुरू से मजबूत रहा है। वो आपको टैकल करेंगे और गेंद निकलने नहीं देंगे। लेकिन अब उसी क्रोएशिया के पास इयान राकिटिक और लुका मोडरिक जैसे विश्वस्तरीय गोल स्कोरर्स भी हैं जो योरोप के सर्वश्रेष्ठ क्लब्स से खेलते हैं। कल अर्जेंटीना इतना बुरा भी नहीं खेली थी। 80 मिनट तक केवल एक ही गोल उनके खिलाफ हुआ था और वह भी उनके गोलकीपर की गलती से लेकिन फिर दूसरा गोल हुआ और एक्स्ट्रा टाइम में तीसरा। आपने प्रतिस्पर्धा की लेकिन स्कोरलाइन 3-0 रही जोकि एक ऐसी टीम के लिए बेहद निराशाजनक है जिसके पास दुनिया का सबसे अच्छा हेड कोच, 2 सबसे अच्छे मिडफील्डर और लियोनेल मेसी हों।
कल के मैच के बाद अर्जेंटीना की निगाहें आज के नाइजीरिया और आइसलैंड के मैच पर टिकी होंगी। अगर आइसलैंड और नाइजीरिया में से कोई एक भी जीत गया तो अर्जेंटीना की स्थिति खराब हो जाएगी क्योंकि इनके पल्ले केवल एक ड्रा और एक हार ही आयी है। पूरी संभावना है कि मंगलवार के अपने आखिरी मैच खेलने से पहले ही वे ग्रुप स्टेज से बाहर हो जाएं।
साथ ही आप एंजेल डी मारिया, गोंजालो हिगुएन, सर्गियो अगुआरो, लियोनेल मेसी के रिटायरमेंट्स और जॉर्ज संपोली (हेड कोच) का इस्तीफा भी देखेंगे.....
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