21 अप्रैल, 1995
ऑस्ट्रेलिया vs विंडीज़, स्थान: त्रिनिदाद एंड टोबैगो टेस्ट मैच, मौका: अनाधिकारिक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप
हरी पिच, विंडीज़ टॉस जीता। ऑस्ट्रेलिया, बैटिंग फर्स्ट। स्कोर पहले घंटे के बाद: 14/3. एम्ब्रोस आग उगलते हुए और स्टीव वॉ बस किसी तरह विकेट बचाये हुए।
एम्ब्रोस की एक लूपी बाउंसर। वॉ डक कर गए। कोई दिक्कत नहीं। लेकिन कुछ हुआ जिसके बारे में आज 23 साल बाद भी बात करेंगे और शायद, जब तक क्रिकेट रहेगा, तब तक। एम्ब्रोस अपनी आदत के अनुसार वॉ के चेहरे के सामने बॉल फेंकने के बाद। वॉ, बेवकूफी में बोल गए, 'अबे, देख क्या रहा है? जा, जाके अगली बाल फेंक'। अंग्रेज़ी में कुछ ज्यादा ही गड़बड़ था। अब एम्ब्रोस को ऐसा बोलना मौत को दावत देना जैसा था। सर रिची रिचर्ड्सन जो वेस्टइंडीज के कप्तान थे, ने अपने से दोगुने लम्बे एम्ब्रोस को खींचकर हटाया नहीं तो कुछ तो मैदान पर होना तय था। तब एक ओवर में दो बाउंसर्स का नियम था। अगली वाली का दस्तूर बस नियामती ही था। अगली वाली वॉ के थोपडे पर तो नहीं लगी लेकिन एहसास जरूर करा गयी। एम्ब्रोस ने फिर वैसे ही देखा, आंखें नाच रही थी और स्टेडियम में भीड़ भी। टोनी कोजियर ने कमेंट्री में इस ओवर की महत्ता के बारे में 20 साल वाली भविष्यवाणी कर दी थी।
खैर, एम्ब्रोस ने बदला ले ही लिया। मैच के आंकड़े: 9/65. वेस्टइंडीज, 9 विकेट से विजयी। वॉ ने पहली पारी में 63 बनाये।
63 का आँकड़ा जमैका में चौथे मैच में काम कर गया। सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी और ऑस्ट्रेलिया को अब विस्वास हो चला था कि एम्ब्रोस और विंडीज़ दोनों को पटरी से उतारा जा सकता है। पता नहीं कैसे लेकिन स्टीव वॉ ने 200* की पारी खेली जमैका में और विश्व क्रिकेट की तस्वीर बदल कर रख दी। विंडीज़ की 15 साल की बादशाहत खत्म हो चुकी थी और ऑस्ट्रेलिया अपनी रौ में आ चुका था। अगले 12 साल उसके नाम रहने वाले थे और विंडीज़, खैर.......
ऑस्ट्रेलिया vs विंडीज़, स्थान: त्रिनिदाद एंड टोबैगो टेस्ट मैच, मौका: अनाधिकारिक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप
हरी पिच, विंडीज़ टॉस जीता। ऑस्ट्रेलिया, बैटिंग फर्स्ट। स्कोर पहले घंटे के बाद: 14/3. एम्ब्रोस आग उगलते हुए और स्टीव वॉ बस किसी तरह विकेट बचाये हुए।
एम्ब्रोस की एक लूपी बाउंसर। वॉ डक कर गए। कोई दिक्कत नहीं। लेकिन कुछ हुआ जिसके बारे में आज 23 साल बाद भी बात करेंगे और शायद, जब तक क्रिकेट रहेगा, तब तक। एम्ब्रोस अपनी आदत के अनुसार वॉ के चेहरे के सामने बॉल फेंकने के बाद। वॉ, बेवकूफी में बोल गए, 'अबे, देख क्या रहा है? जा, जाके अगली बाल फेंक'। अंग्रेज़ी में कुछ ज्यादा ही गड़बड़ था। अब एम्ब्रोस को ऐसा बोलना मौत को दावत देना जैसा था। सर रिची रिचर्ड्सन जो वेस्टइंडीज के कप्तान थे, ने अपने से दोगुने लम्बे एम्ब्रोस को खींचकर हटाया नहीं तो कुछ तो मैदान पर होना तय था। तब एक ओवर में दो बाउंसर्स का नियम था। अगली वाली का दस्तूर बस नियामती ही था। अगली वाली वॉ के थोपडे पर तो नहीं लगी लेकिन एहसास जरूर करा गयी। एम्ब्रोस ने फिर वैसे ही देखा, आंखें नाच रही थी और स्टेडियम में भीड़ भी। टोनी कोजियर ने कमेंट्री में इस ओवर की महत्ता के बारे में 20 साल वाली भविष्यवाणी कर दी थी।
खैर, एम्ब्रोस ने बदला ले ही लिया। मैच के आंकड़े: 9/65. वेस्टइंडीज, 9 विकेट से विजयी। वॉ ने पहली पारी में 63 बनाये।
63 का आँकड़ा जमैका में चौथे मैच में काम कर गया। सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी और ऑस्ट्रेलिया को अब विस्वास हो चला था कि एम्ब्रोस और विंडीज़ दोनों को पटरी से उतारा जा सकता है। पता नहीं कैसे लेकिन स्टीव वॉ ने 200* की पारी खेली जमैका में और विश्व क्रिकेट की तस्वीर बदल कर रख दी। विंडीज़ की 15 साल की बादशाहत खत्म हो चुकी थी और ऑस्ट्रेलिया अपनी रौ में आ चुका था। अगले 12 साल उसके नाम रहने वाले थे और विंडीज़, खैर.......
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