जापान की फुटबॉल टीम इस वर्ल्ड कप में चैंपियन जैसी खेली। कोलंबिया को हराकर किसी दक्षिणी अमेरिकी फुटबॉल टीम को हराने वाली पहली एशियाई टीम बनी। अपने ग्रुप में सबसे निचली रैंकिंग (61वी) की टीम होते हुए भी अंतिम 16 में उसने जगह बनाई जहाँ विश्व की तीसरी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग की टीम बेल्जियम से वह 3-2 के अंतर से इंजरी टाइम के अंतिम मिनट में हारी। 52वे मिनट तक जापान मैच का राजा था और सबको लगने लगा था कि बेल्जियम भी जर्मनी, अर्जेंटीना, पुर्तगाल और स्पेन जैसे उलटफेर का शिकार बनेगा। लेकिन बेल्जियम ने अंतिम 20 मिनट में पागलों जैसा फुटबॉल खेलकर जापानियों का दिल तोड़ दिया। ऐसे में एक आम दर्शक क्या करेगा? स्टेडियम की सीट्स पर गुस्सा निकालेगा, अपने होटल के कमरे में तोड़-फोड़ करेगा और सब कुछ गंदा कर देगा। जापानियों ने ऐसा कुछ नहीं किया। रोते-रोते भी पूरा स्टेडियम साफ किया। अपनी ही गंदगी नहीं, अन्य दर्शकों की गंदगी भी साफ की। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया और दुनिया भर में ये प्रशंसक मिसाल बन गए। साफ-सफाई को जापानी समाज का अनिवार्य अंग माना जाता है और उन्होंने वही किया जो उन्हें सिखाया जाता रहा है। हमारे यहाँ भी यही सिखाया जाता है लेकिन तब भी स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत आन पड़ी है। कहीं कुछ गड़बड़ी जरूर आ गयी है। खैर....
इस मैच से पहले कोरिया वालों ने जर्मनी को 2-0 से इंजरी टाइम में हराया। कोरिया अंतिम 16 की रेस से बाहर था और उसके लिए मैच प्रतिष्ठा की लड़ाई थी। वही जर्मनी की जीत उसे 16 में पहुंचा देती और वही मेक्सिको बाहर हो जाता। अब चूंकि कोरियाई खिलाड़ियों की बदौलत मेक्सिको अंतिम 16 में पहुँच गया तो उन्होंने कोरियाई प्रशंसको को अपना भाई, कोरियाई भाषा को अपनी भाषा घोषित कर दिया (ट्विटर पर) और उनकी एयरलाइन्स ने कोरिया की टिकट पर 50% छूट दे दी। अभी सब राज़ी-खुशी घर पर बैठे हैं।
कल यूरोप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक फ्रेंच खिलाड़ी एंटोनी ग्रेज़मान ने उरुग्वे के खिलाफ 61वें मिनट में गोल किया जोकि बाद में निर्णायक साबित हुआ। उन्होंने उसे सेलिब्रेट नहीं किया क्योंकि वह अपने को आधा उरुगुआई मानते हैं। उनकी घरेलू टीम 'एटलेटिको मेड्रिड' में उरुग्वे के डिएगो गोदिन और होज़े गामिगेज़ खेलते हैं और गोदिन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर्स में से एक होने के साथ साथ ग्रेज़मान के मेंटर और उनकी बेटी के गॉडफादर भी हैं। एंटोनी का उपनाम 'फॉक्स' है क्योंकि वे एक लोमड़ी जैसे कुशाग्र बुद्धि के खिलाड़ी माने जाते हैं लेकिन कल उन्होंने शेरदिल जैसा कारनामा किया।
आप कभी भी, कहीं से भी अच्छा करने की प्रेरणा ले सकते हैं।
इस मैच से पहले कोरिया वालों ने जर्मनी को 2-0 से इंजरी टाइम में हराया। कोरिया अंतिम 16 की रेस से बाहर था और उसके लिए मैच प्रतिष्ठा की लड़ाई थी। वही जर्मनी की जीत उसे 16 में पहुंचा देती और वही मेक्सिको बाहर हो जाता। अब चूंकि कोरियाई खिलाड़ियों की बदौलत मेक्सिको अंतिम 16 में पहुँच गया तो उन्होंने कोरियाई प्रशंसको को अपना भाई, कोरियाई भाषा को अपनी भाषा घोषित कर दिया (ट्विटर पर) और उनकी एयरलाइन्स ने कोरिया की टिकट पर 50% छूट दे दी। अभी सब राज़ी-खुशी घर पर बैठे हैं।
कल यूरोप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक फ्रेंच खिलाड़ी एंटोनी ग्रेज़मान ने उरुग्वे के खिलाफ 61वें मिनट में गोल किया जोकि बाद में निर्णायक साबित हुआ। उन्होंने उसे सेलिब्रेट नहीं किया क्योंकि वह अपने को आधा उरुगुआई मानते हैं। उनकी घरेलू टीम 'एटलेटिको मेड्रिड' में उरुग्वे के डिएगो गोदिन और होज़े गामिगेज़ खेलते हैं और गोदिन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर्स में से एक होने के साथ साथ ग्रेज़मान के मेंटर और उनकी बेटी के गॉडफादर भी हैं। एंटोनी का उपनाम 'फॉक्स' है क्योंकि वे एक लोमड़ी जैसे कुशाग्र बुद्धि के खिलाड़ी माने जाते हैं लेकिन कल उन्होंने शेरदिल जैसा कारनामा किया।
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